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विदेशी आक्रमण

विदेशी आक्रमण
  1. भारत पर प्रथम विदेशी आक्रमण ईरान के हखमनी वंश के शासकों ने किया था।
  2. हखमनी वंश का संस्थापक साइरस (559-529 ई-पू-) था।
  3. साइरस ने जैड्रोसिया के रेगिस्तानी मार्ग से होकर भारत पर आक्रमण करने का प्रयास किया जो असफल रहा।
  4. भारत पर आक्रमण करने में प्रथम सफलता साइरस के उत्तराधिकारी दारा प्रथम (दारायवहु) (522-486 ई-पू-) को प्राप्त हुई।
  5. दारा (डेरियस) ने 516 ई-पू- में पश्चिमोत्तर भारत के पंजाब, सिंधु नदी के तटवर्ती भूभाग एवं सिंध को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया।
  6. डेरियस का उत्तराधिकारी क्षयार्ष (जरक्सीज) ने यूनानियों के विरुद्ध संघर्ष में भारतीयों को अपनी फौज में शामिल किया।
  7. ईरानियों ने भारत में खरोष्ठी लिपि को लेखन में प्रचलित किया।
  8. पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत से ईरानी सिक्के प्राप्त हुए हैं।
  9. ईरानियों ने आरमाइक लिपि का प्रचार-प्रसार किया।
  10. ईरानी आक्रमण के पश्चात् भारत को यूनानी आक्रमणकारी सिकन्दर का सामना करना पड़ा।
  11. सिकन्दर मेसीडोनिया (मकदूनिया) के क्षत्रप फिलिप द्वितीय का पुत्र था।
  12. सिकन्दर के गुरू का नाम अरस्तु था।
  13. 326 ई-पू- में सिकंदर ने अपना भारत विजय अभियान प्रारंभ किया। इस क्रम में उसने सर्वप्रथम बल्ख (बैक्ट्रिया) तत्पश्चात् काबुल पर विजय प्राप्त की और हिंदुकुश पर्वत को पार किया।
  14. तक्षशिला के शासक आम्भी ने सिकंदर के समक्ष बिना युद्ध किए आत्मसमर्पण कर दिया एवं उसे पूर्ण सहयोग देने का वचन दिया।
  15. सिकंदर ने पुष्कलावती के शासक अष्टक एवं अन्य लड़ाकू जनजातियों को पराजित किया।
  16. सिंधु नदी पार करने के उपरांत सिकंदर को भारत की धरती पर सबसे प्रबल प्रतिरोध पौरव के शासक पोरस का करना पड़ा।
  17. सिकंदर एवं पोरस के मध्य झेलम नदी के तट पर सुप्रसिद्ध ‘वितस्ता का युद्ध’ हुआ जिसे हाइडेस्पीज के युद्ध के नाम से भी जाना जाता है।
  18. इसके बाद सिकंदर की सेना ने व्यास नदी को पार करने से मना कर दिया।
  19. सिकंदर विजित भारतीय प्रदेशों को सेनापति फिलिप को सौंप कर वापस लौट गया।
  20. सिकंदर की मृत्यु 323 ई-पू- में बेबीलोन (इराक) पहुंचकर हुई।
  21. भारतीयों ने यूनानियों से ‘क्षत्रप प्रणाली’ और मुद्रा निर्माण की कला ग्रहण की।
  22. भारत में गंधार शैली की कला यूनानी प्रभाव का ही परिणाम है।
  23. सिकंदर ने पोरस के विरुद्ध सफलता प्राप्त करने के उपरांत ‘निकैया’ (विजयनगर) एवं बऊकेफला नामक दो नगरों की स्थापना की।
  24. सिकंदर के विजय अभियान में अंतिम विजय पटलेन (पाटल) की विजय थी।
  25. सेल्यूकस निकेटर सिकंदर का सेनापति था एवं नियार्कस जल सेनापति था।

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