वैदिक सभ्यता
- वैदिक काल का विभाजन दो भागों में किया जाता है- ऋग्वैदिक काल जो कि 1500 से 1000 ईशा पूर्व और उत्तर वैदिक काल जो कि 1000 से 600 ईसा पूर्व में किया गया है।
- आर्य सर्वप्रथम पंजाब एवं अफगानिस्तान में बसे। आर्यों द्वारा निर्मित सभ्यता वैदिक सभ्यता कहलायी।
- आर्यों की भाषा संस्कृत थी।
- आर्यों का मुख्य पेय पदार्थ सोमरस था यह वनस्पति से बनाया जाता था।
- आर्यों का समाज पितृ प्रधान था।
- ऋग्वेद में उल्लेखित सभी नदियों में सरस्वती सबसे महत्वपूर्ण तथा पवित्र मानी जाती थी।
- उत्तर वैदिक काल में इंद्र के स्थान पर प्रजापति सार्वधिक प्रिय देवता हो गए थे।
- 'सत्यमेव जयते' मुंडकोपनिषद से लिया गया है। उपनिषद में यज्ञ की तुलना टूटी नाव से की गई है।
- गायत्री मंत्र सविता नामक देवता को संबोधित है, जिसका संबंध ऋग्वेद से है।
- उत्तर वैदिक काल में कौशांबी नगर में प्रथम बार पक्की ईंटों का प्रयोग किया गया है।
- महाकाव्य दो है- महाभारत एवं रामायण।
- महाभारत का पुराना नाम जयसंहिता है। यह विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है।
सिंधु सभ्यता
- सिंधु सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम साहनी ने की।
- सिंधु सभ्यता को प्रागैतिहासिक अथवा काशी युग में रखा जा सकता है।
- सिंधु सभ्यता पश्चिम में सुतकागेंडोर जो बलूचिस्तान में है तक फैला था।
- पूरब में आलमगीरपुर जो तात्कालिक जिला मेरठ उत्तर प्रदेश तक फैला था।
- उत्तर में मांदा जिला अखनूर जम्मू कश्मीर तक फैला था।
- तथा पश्चिम में दायमाबाद तात्कालिक जिला अहमदनगर महाराष्ट्र तक फैला था।
- लोथल एवं सुतकोतदा सिंधु सभ्यता का बंदरगाह था।
- जुते हुए खेत तथा नक्काशीदार ईंटों के प्रयोग का साक्ष्य कालीबंगन से प्राप्त हुआ।
- अग्निकुंड लोथल और कालीबंगा से प्राप्त हुए हैं।
- सिंधु सभ्यता में मुख्य फसल थी गेहूं और जौं।
- रंगपुर एवं लोथल से चावल के दाने मिले हैं , जिनसे धान की खेती होने का प्रमाण मिलता है । चावल के प्रथम साक्ष्य लोथल से ही प्राप्त हुए हैं।
- आग में पकी हुई मिट्टी को टेराकोटा कहा जाता है।
- मोहनजोदड़ो की खोज सिंधु नदी के पास राखल दास बनर्जी ने 1922 में किया।
- हड़प्पा की खोज रावी नदी के पास दयाराम साहनी ने 1921 में किया।