राष्ट्रकूट
- राष्ट्रकूट राजवंश के संस्थापक दंतिदुर्ग (762ई०) था।
- इसकी राजधानी मनकिर या मान्यखेत वर्तमान (मालखेड़ी, सोलापुर) के निकट थी।
- एलोरा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर का निर्माण कृष्ण प्रथम ने करवाया था।
- ध्रुव, राष्ट्रकूट वंश का पहला शासक था, जिसने कन्नौज पर अधिकार करने हेतु त्रिपक्षीय संघर्ष में भाग लिया और प्रतिहार नरेश वत्सराज एवं पाल नरेश धर्मपाल को पराजित किया।
- ध्रुव को 'धारावर्ष' भी कहा जाता था।
- अमोघवर्ष जैन धर्म का अनुयाई था इसने कन्नड़ में कविराजमार्ग की रचना की ।
- आदिपुराण के रचनाकार जिनसेन, गणितासार संग्रह के लेखक महावीराचार्य एवं अमोघवृत्ति के लेखक सक्तयना, अमोघवर्ष के दरबार में रहते थे।
- इंद्र तृतीय के शासनकाल में अरब निवासी अलमसूदी भारत आया उसने तात्कालीन राष्ट्रकूट शासकों को भारत का सर्वश्रेष्ठ शासक कहा।
- राष्ट्रकूट वंश का अंतिम महान शासक कृष्ण तृतीय था। इसी के दरबार में कन्नड़ भाषा के कवि पोन्न रहते थे जिन्होंने शांति पुराण की रचना की।
- एलोरा एवं एलिफेंटा (महाराष्ट्र) गुहा मंदिरों का निर्माण राष्ट्रकूटों के समय में ही हुआ।